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विदेश यात्रा अनुदान

 

1.  यदि कोई भारतीय नागरिक विदेश जाकर पुस्तकालय, संग्रहालय अथवा अभिलेखागार में अध्ययन हेतु अथवा किसी निजी संग्रहालय से अपने शोधकार्य से संबंधित तथ्य प्राप्त करना चाहता हो, इतिहास से संबंधित किसी विषय पर शोधपत्र प्रस्तुत करने/कार्यशाला, संगोष्ठी अथवा अधिवेशन में हिस्सा लेने/इतिहास की किसी विशेष शाखा से संबंधित प्रशिक्षण हेतु विदेश जाना चाहता हो तो परिषद् द्वारा उस व्यक्ति को विदेश यात्रा अनुदान प्रदान किया जाता है।

2. (क) अनुदान प्राप्त करने के इच्छुक व्यक्ति को प्रस्थान की तिथि से कम से कम 03 महीने पूर्व इस संबंध में परिषद के समक्ष आवेदन प्रस्तुत करना चाहिए।

(ख) विदेश जाकर शोध हेतु तथ्य संग्रह करने के इच्छुक शोधार्थी को विस्तीर्णता से स्त्रोत वस्तु की पहचान करनी होगी तथा यह प्रमाणित करना होगा कि उक्त सामग्री तथा दस्तावेज भारत में उपलब्ध नहीं है।

(ग) शोधार्थी को संबंधित लेखागार/पुस्तकालय द्वारा प्रेषित पत्र की एक प्रति जमा करनी होगी जिसमें यह इंगित किया गया हो कि पुस्तकालय/लेखागार के पास संबंधित दस्तावेज मौजूद हैं एवं शोधार्थी के उक्त पुस्तकालय/लेखागार में जाने की स्थिति में उक्त दस्तावेज उपयोग हेतु प्रदान किए जाएंगे।

(घ) भाषा-दक्षता का प्रमाण भी प्रस्तुत करना होगा। (विशेषतः जहाँ दस्तावेज अथवा अन्य स्त्रोत वस्तुएँ अंग्रेजी के अलावा किसी अन्य भाषा में उपलब्ध हों।) आवेदक के प्रकाशित कार्य के आधार पर समिति स्वविवेक का प्रयोग करते हुए उसकी दक्षता के विषय में निर्णय लेगी।

(च) अधिवेशन अथवा संगोष्ठी में भाग लेने तथा अनुदान प्राप्त करने के इच्छुक व्यक्ति को वहाँ प्रस्तुत किया जाने वाला समस्त शोधपत्र परिषद में जमा कराना होगा।

(छ) अनुदान प्राप्तकर्ता उस अनुदान/अध्येतावृत्ति को प्राप्त करने की अवधि एवं उस अध्येतावृत्ति/अनुदान के पूर्ण होने तथा उससे संबंधित अंतिम भुगतान के प्राप्त होने के एक वर्ष के बाद तक FTG हेतु आवेदन नहीं कर सकता है।

3. समस्त आवेदन RPC समिति की किन्हीं भी 2 बैठकों के अंतराल के दौरान अथवा विदेश यात्रा अनुदान समिति की बैठक के पूर्व RPC के समक्ष पेश किए जाने चाहिए ताकि इनमें से कोई भी समिति अनुदान प्रदान करने से संबंधित निर्णय ले सके।

बशर्ते -

(क) अनुदान प्रदान करने से संबंधित निर्णय लेने के क्रम में,RPC अथवा FTG समिति की सहायता करने के क्रम में ICHR आवेदक की कार्यक्षेत्र में दक्षता जानने के लिए समीक्षा हेतु उसे एक या अधिक विशेषज्ञों को भेज सकती है। नामित विशेषज्ञों द्वारा भेजे जाने वाले विचार/टिप्पणी में होने वाली देरी को टालने हेतु प्रस्ताव को एक के बजाए 2 विशेषज्ञों को भेजा जा सकता है। दूसरा विशेषज्ञ सामान्यतः स्थानीय ही होता है। फिर भी, एक विशेषज्ञ की रिपोर्ट प्राप्त होने पर भी परिषद कार्य को आगे बढ़ा सकती है ।

(ख) FTG समिति द्वारा लिए गए सभी निर्णयों को RPC समिति की बैठक में पेश किया जाएगा जो FTG के किसी भी निर्णय का संशोधन कर सकती है अथवा उसे बदल सकती है बशर्ते कि उस निर्णय से संबंधित प्रक्रिया प्रारंभ न हो गई हो।      

4.  (क) अनुदान प्राप्तकर्ता विदेश के किसी अभिलेखीय भंडार में किसी दस्तावेज का अध्ययन करना चाहे अथवा शोधकार्य करने की इच्छा व्यक्त करे अथवा किसी प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभाग करना चाहे तो RPC द्वारा अनुदान की स्वीकृति प्रदान करते समय यह निर्दिष्ट करना चाहिए कि वापस लौटने के उपरान्त शोधार्थी को ICHR को एक विस्तृत रिपोर्ट देनी होगी।

(ख) ICHR अपने शोधार्थियों से अनिवार्य रूप से यह माँग कर सकता है कि वे ICHR को उचित पावती प्रदान करते हुए अपने शोधकार्य के परिणाम को थीसिस/पुस्तक/एकविषयक लेख आदि के रूप में  ICHR में जमा करें।

5.    अनुदानप्राप्तकर्ता यथासंभव रूप से, विदेश जाने हेतु हवाई यात्रा एअर इंडिया के इकोनोमी टिकट के माध्यम से ही करें। जिस जगह राष्ट्रीय कैरियर के माध्यम से सीधे सम्पर्क की सुविधा अनुपलब्ध हो, नागरिक उड्डयन विभाग, भारत सरकार द्वारा मंजूरी प्रदान किए जाने की स्थिति में उस जगह जाने हेतु अन्य विकल्पों के संबंध में अनुमति प्रदान की जा सकती है।

6.    रखरखाव भत्ते का भुगतान रूपए में किया जाएगा जिसका मूल्य यू॰एस॰ डॉलर में संस्वीकृत राशि के बराबर होगा तथा इसकी गणना विदेश यात्रा अनुदान प्राप्तकर्ता के उक्त रूपयों के एवज में प्राप्त किए गए यू॰एस॰ डॉलर के मूल्य के आधार पर होगी। अनुदान प्राप्तकर्ता को इस मूल रूपांतरण का एक प्रमाणित ब्यौरा भी जमा कराना होगा, जिसे अग्रिम रूप से जमा कराया जाना आवश्यक नहीं है। चिकित्सीय बीमा अनिवार्य है ।

7.  कोई व्यक्ति FTG प्राप्त करने के लिए सामान्यतया 5 साल के अंतराल में एक बार से अधिक चयनित होने के योग्य नहीं है।

 

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