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पोस्ट डॉक्टरल फेलोशिप

(1) पोस्ट डॉक्टोरल फेलोशिप मुख्यतः उन अध्येताओं को प्रदान की जाती है जिन्होंने सक्षमता से शोध कार्य के जरिए अपने कौशल का प्रदर्शन किया हो, Ph.D की उपाधि प्राप्त की हो अथवा इतिहास अथवा उससे संबद्ध विषय में उच्च श्रेणी का शोधकार्य किया हो। अध्येतावृत्ति प्राप्त करने वाला अध्येता किसी ख्यातिप्राप्त शोध संस्थान अथवा विश्वविद्यालय से संबद्ध होना चाहिए।

(2) इस अध्येतावृत्ति के तहत शोधार्थी को प्रतिमाह रु 30,800/-(रू तीस हजार आठ सौ मात्र ) प्रदान किए जाएँगे तथा साथ ही आकस्मिक अनुदान के रूप में रु 22,000/- (रु बाईस हजार मात्र ) प्रतिवर्ष (दो वर्ष की अवधि तक, जिसे विशेष परिस्थितियों में एक अतिरिक्त वर्ष के लिए बिना किसी वित्तीय वचनबद्धता के बढ़ाया जा सकता है।

(3) PDF का अधिनिर्णय प्रस्तुति तत्पश्चात साक्षात्कार के माध्यम से प्रदान किया जाएगा।

(4) यह अध्येतावृत्ति पूर्णकालिक शोधकार्य हेतु ही प्रदान की जा रही है तथा इसे किसी अन्य कार्य (अल्पकालिक अथवा पूर्णकालिक शोध कार्य) के साथ सम्मिलित नहीं किया जा सकता है।

बशर्ते:-                                       

  1. अध्येतावृत्ति की अवधि के दौरान अवकाश लेकर कोई अध्येता अपने पूर्व रोजगार को जारी रख सकता है, तथा;
  2. शोध परियोजना समिति की अनुमति प्राप्त करने के उपरांत अध्येता किसी अल्पकालिक अवैतनिक अथवा नाममात्र का भुगतान प्राप्त करने वाले किसी शिक्षण अथवा शोधकार्य को स्वीकार कर सकता है ।

(5) अध्येता को प्रारम्भ किए गए शोधकार्य की छमाही/वार्षिक प्रगति रिपोर्ट जमा करानी होगी। अध्येता द्वारा किए जा रहे शोध की समीक्षा प्रथम वर्ष की समाप्ति पर होगी जहाँ अभ्यर्थी को विशेषज्ञ के समक्ष शोधकार्य की प्रस्तुति देनी होगी। अध्येता द्वारा किए गए शोधकार्य के असंतोषजनक पाए जाने की स्थिति में उसकी अध्येतावृत्ति को समाप्त भी किया जा सकता है तथा अध्येतावृत्ति के रूप में प्रदान की गई राशि की वसूली भी की जा सकती है।

(6) अध्येता के तय समय सीमा के अन्दर पुस्तक/विशेष निबंध/थीसिस आदि जमा कराने के उपरांत जब तक विशेषज्ञ द्वारा उस संदर्भ में संतोषजनक रिपोर्ट ICHR को प्रेषित न की गई हो तब तक उसकी अंतिम किश्त जिसमें 3 महीने की अध्येतावृत्ति तथा आकस्मिक निधि सम्मिलित है, रोके रखी जाएगी। पाण्डुलिपि का प्रकाशन होने के समय ICHR की अध्येतावृत्ति को उचित पावती दी जानी चाहिए। 

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